-कहलगांव अनुमंडल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से केएचपीटी ने किया प्रशिक्षण का आय़ोजन
-प्रशिक्षण में टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में दी गई जानकारी
भागलपुर, 20 अक्टूबर-
कहलगांव अनुमंडल अस्पताल में गुरुवार को 60 आशा कार्यकर्ताओं को टीबी बीमारी के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का आय़ोजन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएसपीटी) ने किया। इस दौरान बीसीएम मिथिलेश सिंह और केएचपीटी के धीरज कुमार मिश्रा ने आशा कार्य़कर्ताओं को प्रशिक्षण देने का काम किया। प्रशिक्षण में आशा कार्यकर्ताओं को टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण देने के बाद सभी आशा कार्य़कर्ताओं को क्षेत्र में टीबी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए कहा गया। साथ ही अगर जागरूकता के दौरान कोई टीबी के लक्षण वाला मरीज मिलता है तो उसे जांच के लिए सरकारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई।
प्रशिक्षण के बाद निकाली गई जागरूकता रैलीः प्रशिक्षण के बाद अस्पताल प्रभारी डॉ. विवेकानंद दास, बीएचएम अजय कुमार, बीसीएम मिथिलेश कुमार सिंह, केएचपीटी के धीरज कुमार मिश्रा की अगुवाई में टीबी जागरूकता रैली निकाली गई । इस रैली में सभी ने टीबी मुक्त भारत का नारा दिया और समाज से टीबी को मिटाने का संकल्प लिया। लोगों से टीबी से बचाव को लेकर सामुदायिक स्तर पर प्रयास करने के लिए कहा गया।
सरकारी अस्पतालों में जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था मुफ्तः डॉ. विवेकानंद दास ने बताया कि टीबी अब लाइलाज बीमारी नहीं रही। इसका इलाज अब संभव है। सभी सरकारी अस्पतालों में इसकी जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था है। दवा भी मुफ्त में मिलती है। जब तक इलाज चलता है तब तक पांच सौ रुपये प्रतिमाह पौष्टिक भोजन के लिए राशि भी दी जाती । इसलिए यदि किसी व्यक्ति को लगातार दो सप्ताह तक खांसी हो, बलगम के साथ खून निकले, लगातार बुखार रहे या फिऱ शाम के वक्त पसीना निकले तो सरकारी अस्पताल जाएँ । वहां अगर जांच में टीबी की पुष्टि हो जाती है तो मुफ्त में उनका इलाज होगा। इन बातों की जानकारी समाज के अन्य लोगों को भी दें।
टीबी को खत्म करने के लिए समाज में जागरूकता जरूरीः केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा ने बताया कि टीबी को लेकर समाज में जागरूकता लाना जरूरी है। आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में काम करती हैं। उनका समाज के लोगों से संपर्क रहता है। अगर उनके पास टीबी को लेकर हर तरह की जानकारी होगी तो यह समाज के अन्य लोगों तक पहुंचेगी। इससे टीबी उन्मूलन में सहयोग मिलेगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया और रैली भी निकाली गई, ताकि समाज के अधिक से अधिक लोग टीबी के बारे में जान सकें। साथ ही अगर कोई टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति मिलते हैं तो उसे अस्पताल पहुंचाया जा सके।
रिपोर्टर
Swapnil Mhaske
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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