मुखिया ने पंचायत को टीबी मुक्त बनाने का लिया संकल्प


-अंतीचक पंचायत में पर्सपेक्टिव बिल्डिंग ट्रेनिंग का आयोजन

-स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से केएचपीटी ने किया आयोजित


भागलपुर-



 कहलगांव की अंतीचक पंचायत के पंचायत भवन में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) ने पर्सपेक्टिव बिल्डिंग ट्रेनिंग का आयोजन किया। यह ट्रेनिंग दो दिनों तक चलेगी। इसका उद्घाटन पंचायत की मुखिया ललिता देवी ने किया। इस ट्रेनिंग में 24 जीविका दीदियों की भागीदारी रही। उद्घाटन के बाद मुखिया ललिता देवी ने प्रतिभागियों को संबोधित कर उनका उत्साह बढ़ाया और पंचायत को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया। ट्रेनिंग में शीतल कुमार, आशा भारती, पुष्पा कुमारी,  काजल कुमारी समेत 8 भीओ के सीएम और सदस्यों ने भाग लिया। सत्र का संचालन और प्रशिक्षण संदीप कुमार और धीरज कुमार मिश्रा के द्वारा किया गया। सत्र की शुरुआत केएचपीटी के परिचय से शुरू की  गयी । इसके बाद कहानी के जरिये टीबी से लड़ने के बारे में बताया गया। सभी को  टीबी के लक्षण, बचाव और उसके इलाज की जानकारी दी गई। साथ ही इस बीमारी से बचाव को लेकर समाज में क्या किया जा सकता है, इसकी भी जानकारी दी गई। इसके अलावा यह भी बताया गया कि टीबी रोगियों के प्रति संवेदनशील होकर उनकी जरूरत को पूरा करने में मदद करनी चाहिए। 

टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए जागरूकता जरूरीः केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा ने बताया कि टीबी को समाप्त करने के लिए इलाज के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर जागरूकता भी बहुत जरूरी है। लोगों में जितनी तेजी से जागरूकता बढ़ेगी उतनी ही तेजी से टीबी बीमारी समाज से खत्म होगी। जीविका दीदियों की  समाज पर अच्छी पकड़ है। अधिकतर घरों में उनका आना-जाना है। इसलिए टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए जीविका एक बेहतर माध्यम हो सकती  है। इसी उद्देश्य से अंतीचक पंचायत में गुरुवार को जीविका दीदियों की ट्रेनिंग आयोजित की गई। उम्मीद है कि इसका व्यापक असर पड़ेगा। लोग टीबी के प्रति जागरूक होंगे।

सरकारी अस्पतालों में टीबी का इलाज मुफ्तः जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ ने बताया कि केएचपीटी जिले में टीबी उन्मूलन में अच्छा काम कर रहा है। इस तरह के आयोजन से टीबी उन्मूलन में मदद मिलेगी। लोगों में टीबी के प्रति जानकारी बढ़नी बहुत जरूरी है। टीबी का इलाज सरकारी अस्पतालों में बिल्कुल मुफ्त में होता है। यदि किसी व्यक्ति को लगातार दो हफ्ते तक खांसी हो, शाम को पसीना आए, लगातार बुखार रहे, बलगम के साथ खून हो इत्यादि लक्षण महसूस हो तो उसे तुरंत नजदीकी  सरकारी अस्पताल चले जाना चाहिए। वहां जांच करानी चाहिए। जांच में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो तत्काल इलाज शुरू कर देना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इलाज तो मुफ्त में होता ही है, साथ में दवा भी बिल्कुल मुफ्त दी जाती है। इसके अलावा  जब तक इलाज चलता है, तब तक पांच सौ रुपये प्रतिमाह पौष्टिक आहार के लिए भी मरीजों को दी जाती है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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