पूर्व में कोरोना पीड़ित रहे लोग रहें सावधान,आ सकते हैं टीबी की चपेट में

-लगातार खाँसी रहने पर तुरंत कराएं जाँच, अस्पताल में मुफ्त होती है जाँच 

-मरीजों को सरकार द्वारा दी जाती है सहायता राशि 


लखीसराय, 1 अप्रैल-


 कोरोना से ठीक हुए लोगों में   टीबी के   संक्रामक होने का खतरा बढ़ जाता  है।   साथ हीं  दोनों बीमारियाँ के लक्षण भी करीब-करीब एक जैसे ही मिलते-जुलते होते हैं। जिसके कारण बीमारी का सही पता लगाने में भी परेशानी होती है। ऐसे में पूर्व से  कोरोना  से पीड़ित मरीजों के लिए यह दौर विशेष सतर्कता बरतने का है।  क्योंकि इन मरीजों का   इम्युन सिस्टम बहुत कमजोर होता है। जिसके उनमें टीबी  संक्रमण का खतरा अन्य मरीजों से अधिक हो जाता  है। सबसे जरूरी है कि मरीज की दवा का क्रम न टूटे। कोरोना में लगातार तेज बुखार और खांसी आती है। टीबी का लक्षण थकावट, आम बुखार, वजन गिरना, भूख न लगना, रात में पसीना आना आदि है।


लक्षण  महसूस होते ही कराएं  जाँच-- 


टीबी के नोडल पदाधिकारी डॉ  श्री निवास शर्मा ने बताया कि लक्षण  महसूस होते ही ऐसे मरीजों को बिना देर किए अपनी  जाँच करवानी  चाहिए। पीएचसी से जिले के अन्य अस्पतालों में मुफ्त जाँच एवं दवाई की  सुविधा उपलब्ध है। साथ ही ऐसे मरीजों को उचित पोषण आहार के लिए सहायता राशि भी दी जाती है।


अनावश्यक यात्रा ना करें-- 


टीबी पीड़ित मरीज अनावश्यक यात्रा से बचें।  भीड़-भीड़ वाली  जगह पर बिलकुल नहीं जाएं। धूलकण से बचाव के लिए हर आवश्यक पहल करें।



बचाव के उपाय:----

1- 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर डॉक्टर को दिखाएं। दवा की  पूरी  कोर्स लें। डॉक्टर से बिना पूछे दवा बंद न करें ।

-मास्क पहनें या हर बार खांसने या छींकने से पहले मुंह को पेपर नैपकिन से कवर करें।

-मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूकें  और उसमें फिनाइल डालकर अच्छी तरह बंद कर डस्टबिन में डाल दें। यहां-वहां नहीं थूकें।

-मरीज हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहें । साथ ही एसी से परहेज करें ।

-पौष्टिक खाना खाएं , व्यायाम  व योग करें ।

-बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू, शराब आदि से परहेज करें।

-भीड़-भाड़ वाली और गंदी जगहों पर जाने से बचें।


ये हैं टीबी के लक्षण:----

-भूख न लगना, कम लगना तथा वजन अचानक कम हो जाना।

-बेचैनी एवं सुस्ती छाई रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट रहना व रात में पसीना आना।

-हलका बुखार रहना, हरारत रहना।

-खांसी आते  रहना, खांसी में बलगम आना तथा बलगम में खून आना। कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना।

-गर्दन की लिम्फ ग्रंथियों में सूजन आ जाना तथा वहीं फोड़ा होना।

-गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना, कमर की हड्डी पर सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में परेशानी आदि।

-महिलाओं को टेम्प्रेचर के साथ गर्दन जकड़ना, आंखें ऊपर को चढ़ना या बेहोशी आना ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस के लक्षण हैं।

-पेट की टीबी में पेट दर्द, अतिसार या दस्त, पेट फूलना आदि होते हैं।

-टीबी न्यूमोनिया के लक्षण में तेज बुखार, खांसी व छाती में दर्द होता है।

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Swapnil Mhaske

संबंधित पोस्ट