टीबी मुक्त पंचायत बनाने का निक्षय मित्र बनकर लिया संकल्प 




- कहलगांव के मथुरापुर पंचायत में टीबी मरीजों के साथ हुई बैठक 

- टीबी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी देकर लोगों का जागरूक करने का भी लिया निर्णय 



भागलपुर, 25 मई-



कहलगांव के मथुरापुर पंचायत में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग और कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) के सहयोग से टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की बैठक आयोजित की गई। इसमें 05 मरीज और उनके सहयोगियों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में मुखिया मंतोष कुमार शामिल हुए। बैठक के दौरान मौजूद सभी लोगों को टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिए जागरूक किया गया। जिसके बाद सभी लोगों ने निक्षय मित्र बनकर अपने पंचायत को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प और टीबी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी देकर सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया। मौके पर मौजूद एसटीएफ किशोर केवट ने टीबी के सभी मरीजों से बात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। साथ ही टीबी मरीजों को समय पर दवा खाने और किसी अन्य लोगों में इस तरह के लक्षण दिखते हैं तो, उन्हें जांच के लिए सरकारी अस्पताल भेजने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर लोगों में टीबी के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें डरना नहीं चाहिए, बल्कि जागरूक होकर समय पर इलाज कराना चाहिए। इससे टीबी से वे जल्द उबर जाएंगे और बीमारी का प्रसार भी नहीं हो सकेगा। 



- टीबी मुक्त पंचायत बनाने में हरसंभव करेंगे सहयोग : 

मुखिया मंतोष कुमार ने कहा, टीबी मुक्त समाज निर्माण के लिए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। जो बेहद सराहनीय है। मैं अपने स्तर से भी टीबी मुक्त पंचायत बनाने में हर संभव सहयोग करूँगा। पंचायत स्तर से मरीजों की जो भी मदद संभव होगा वह किया जाएगा। इसके अलावा लोगों को इस बीमारी से भी बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा। वहीं, उन्होंने कहा, मैं मुखिया होने के नाते मैं अपने पंचायत क्षेत्र में घूमता रहता हूँ। इसी दौरान मुझे स्वास्थ्य विभाग और कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) के लोग मिले। ये लोग लगातार गाँव में घूमते मिले। मैंने इनसे बात की तो पता चला कि  टीबी को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इन्होंने बताया कि सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इसी के सिलसिले में हमलोग लगातार आ रहे हैं। इसके बाद मुझे अहसास हुआ कि जब ये लोग कर्मचारी होकर इतना काम कर रहे हैं तो मैं तो इस पंचायत का मुखिया हूं। मेरी जिम्मेदारी और भी ज्यादा है। इसके बाद मैं टीबी मुक्त अभियान से जुड़ा और निक्षय मित्र बन गया। अब मैं भी लोगों को टीबी के प्रति जागरूर करने का काम कर रहा हूँ।



- जनप्रतिनिधियों के जुड़ने से अभियान को मिलेगी तेजी :  केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा कहती हैं कि टीबी को लेकर हमलोग लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसके साथ-साथ टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की बैठक भी कर रहे हैं। शिविर का आय़ोजन करवा रहे हैं, जिसमें मरीजों को चिह्नित करने का काम हो रहा  और अब निक्षय मित्र बनने की अपील भी लोगों से कर रहे हैं। इन सब काम में जनप्रतिनिधियों के समर्थन से बहुत सहयोग मिलता है। अगर पंचायत का मुखिया आपके अभियान से जुड़ जाता है तो बाकी लोग भी बहुत आसानी से जुड़ जाते और आपको सहयोग करते हैं। अच्छी बात यह है कि मंतोष कुमार न सिर्फ हमारे अभियान से जुड़े, बल्कि ये निक्षय मित्र भी बनकर अपनी जिम्मेदारी को निभाने के साथ-साथ हमारे अन्य कार्यक्रमों का भी समर्थन कर रहे हैं। 



- सरकारी अस्पतालों में इलाज की बेहतर व्यवस्था : 

एसटीएस किशोर केवट ने बताया, जिले में निक्षय मित्र बनने का सिलसिला चल पड़ा है। निक्षय मित्र बनाने का अभियान और तेज किया जाएगा। इसमें केएचपीटी का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। आमलोगों और जनप्रतिनिधियों के इस अभियान से जुड़ने से अधिक से अधिक लोगों में जागरूकता आती है। टीबी के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। वहीं, उन्होंने कहा टीबी से बचाव के लिए लोगों को पौष्टिक आहार पर जोर देना चाहिए। सरकारी अस्पताल में इलाजरत टीबी के मरीजों में पौष्टिक आहार के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह की राशि भी दी जाती है। यह राशि टीबी मरीजों को इलाज होने तक दी जाती है। इसलिए टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार के सेवन जरूर करना चाहिए। टीबी होने का बड़ा कारण पौष्टिक आहार का नहीं लेना भी है। इसलिए टीबी के मरीज तो पौष्टिक आहार ले हीं। साथ में दूसरे लोगों को भी पौष्टिक आहार लेने के लिए जागरूक करें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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