किसी से मिलने और हाथ मिलाने से नहीं फैलता है टीबी का संक्रमण


-  टीबी है एक संक्रामक रोग लेकिन मरीजों की कतई न करें उपेक्षा 

 - संक्रमित होने की स्थिति में सही समय पर कराएं सही इलाज

- सभी सरकारी अस्पतालों पर निःशुल्क उपलब्ध है टीबी जांच और समुचित इलाज की सुविधा 


मुंगेर, 29 मई-


 किसी से मिलने और हाथ मिलाने से नहीं फैलता है टीबी का संक्रमण।  इसलिये टीबी मरीजों की उपेक्षा कतई नहीं करें । उनसे अपनत्व की भावना रखते हुए उन्हें  टीबी की सही जांच और सही जगह पर इलाज कराने के लिए प्रेरित करें। उक्त बातें मुंगेर के जिला संचारी पदाधिकारी डॉ ध्रुव कुमार शाह ने कही  है । उन्होंने बताया कि श्वसन संबंधित संक्रामक बीमारियों में टीबी भी एक महत्वपूर्ण बीमारी है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता । उन्होंने  सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के हवाले से बताया कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने व बोलने से निकले बूंद में मौजूद टीबी बैक्टीरिया हवा के माध्यम से स्वस्थ्य व्यक्ति तक पहुंचता है।


मिथ्याओं से बचें ताकि उपेक्षित नहीं हो संक्रमित :

उन्होंने बताया कि सीडीसी के मुताबिक टीबी संक्रमण को ले कुछ मिथ्याएं भी हैं । इन मिथ्याओं की वजह से लोग टीबी ग्रसित लोगों की उपेक्षा करने लगते हैं। टीबी ग्रसित लोगों के प्रति इस तरह से उपेक्षा किया जाना उसके इलाज में भी असुविधा ही पैदा करती है। आम लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वे टीबी संक्रमण होने के सही कारणों की जानकारी लें। सीडीसी के अनुसार यह रोग हाथ मिलाने, किसी को खानपान की सामग्री देने या लेने, बिस्तर पर बैठने व एक ही शौचालय के इस्तेमाल करने से बिल्कुल भी नहीं फैलता है।


फेफड़ों व अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है टीबी : 

डिस्ट्रिक्ट टीबी/एचआईवी कॉर्डिनेटर शैलेंदू कुमार ने बताया कि जब एक व्यक्ति सांस लेता है तो बैक्टीरिया फेफड़ों में जाकर बैठ जाता और वहीं बढ़ने लगता है। इस तरह से वो रक्त की मदद से शरीर के दूसरे अंगों यथा किडनी, स्पाइन  व ब्रेन तक पहुंच जाता है । आमतौर पर ये टीबी फैलने वाले नहीं होते हैं | वहीं फेफड़ों व गले का टीबी संक्रामक होता है जो दूसरों को भी संक्रमित कर देता ।


कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों को संक्रमण की संभावना  अधिक : 

उन्होंने बताया कि ट्रयूबरक्लोसिस दो प्रकार के होते हैं। इनमें एक लेंटेंट टीबी होता है जिसमें टीबी के बैक्टीरिया शरीर में मौजूद होते  लेकिन उनमें लक्षण स्पष्ट रूप से नहीं दिखते हैं। लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर इसका असर उभर कर देखने को मिल सकता है। वहीं कुछ स्पष्ट दिखने वाले लक्षणों से टीबी रोगियों का पता चल पाता है।


ये लक्षण दिखें तो करायें टीबी जांच : 

तीन माह या इससे अधिक समय से खांसी रहना, छाती में दर्द, कफ में खून आना 


कमजोरी व थका हुआ महसूस करना।  

 वजन का तेजी से कम होना, 

भूख नहीं लगना, ठंड लगना, बुखार का रहना,

रात को पसीना आना  इत्यादि।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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