टीबीडीसी के पदाधिकारी, स्टेट टेक्निकल सपोर्ट यूनिट विशेषज्ञ एवं डब्ल्यूचओ के कंसल्टेंट करेंगे राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम का सपोर्टिव सुपर विजन एवं मॉनिटरिंग

 

- राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सभी जिलों को जारी किया पत्र 


- टीबी उन्मूलन से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास लक्ष्यों के निर्धारित समय सीमा वर्ष 2030 से पांच वर्ष पूर्व 2025 तक प्राप्त करने के लिए निर्धारित किया गया है लक्ष्य 


मुंगेर-


 टीबीडीसी के चिकित्सा पदाधिकारी, स्टेट टेक्निकल सपोर्ट यूनिट के विशेषज्ञ एवं डब्ल्यूचओ के कंसल्टेंट के माध्यम से राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम का  निरंतर सपोर्टिव सुपर विजन एवं मॉनिटरिंग कराया जाएगा । इस आशय की जानकारी जिला के संचारी रोग पदाधिकारी डॉ ध्रुव कुमार शाह ने दी। उन्होंने बताया कि टीबीडीसी पटना एवम दरभंगा में पदस्थापित 10 चिकित्सा पदाधिकारियों, स्टेट टेक्निकल सपोर्ट यूनिट के 10 विशेषज्ञों एवम विश्व स्वास्थ्य संगठन के 6 परामर्शियों के माध्यम से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का निरंतर सपोर्टिव सुपर विजन एवम मॉनिटरिंग करवाने का निर्णय लिया गया है। इसको ले राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सभी जिलों को पत्र पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुंगेर जिला में टीबीडीसी पटना के मेडिकल ऑफिसर डॉ रविशंकर, स्टेट टेक्निकल सपोर्ट यूनिट के विशेषज्ञ डॉ. सरोज कांत चौधरी और डब्ल्यूएचओ के एनटीईपी कंसल्टेंट अवकाश सिन्हा सपोर्टिव सुपर विजन और मॉनिटरिंग का कार्य देखेंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक महीने की 25 तारीख तक अगले माह का एटीपी तथा पिछले महीने का संक्षिप्त प्रतिवेदन एवम दल के द्वारा जिला विशेष के लिए चयनित संकेतकों पर प्रगति रिपोर्ट राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी को ई-मेल से भेजा जाएगा। 


डिस्ट्रिक्ट टीबी/ एचआईवी कॉर्डिनेटर शलेंदु कुमार ने बताया कि टीबी उन्मूलन से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास लक्ष्यों के निर्धारित समय सीमा वर्ष 2030 से पांच वर्ष पूर्व 2025 तक प्राप्त करने के लिए  लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन के आवश्यक प्रयासों के कारण टीबी नोटिफिकेशन, ड्रग रेजिस्टेंट की पहचान, समय से उपचार प्रारंभ करने की क्षमता, टीबी के मरीजों में एचआईवी एवम डायबिटीज की पहचान नियमित पूरा करने के लिए नियमित काउंसलिंग के साथ- साथ टीबी मरीजों के खाते में डीबीटी के माध्यम से निक्षय पोषण राशि के भुगतान आदि मानकों में लगातार प्रगति देखने को मिल रही है।बावजूद इसके प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्टतम उपयोग नहीं हो पा रहा है। राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के लिए वित्तीय वर्ष 2023 -24 के लिए निर्धारित भौतिक और वित्तीय लक्ष्यों की शत - प्रतिशत प्राप्ति के लिए जिला, प्रखंड और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्तर पर निरंतर पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण किया जाना आवश्यक है।

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

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