समय पर सही उपचार से लोगों ने  जीती फाइलेरिया  के खिलाफ लड़ाई

-जिला स्वास्थ्य टीम की मेहनत से लोगों के चेहरे पर आयी मुस्कान 
-सामुदायिक स्तर पर माइक्रो फाइलेरिया से लोगों को मिली निजात 
 
लखीसराय-
 
 
कहते हैं  अगर समय पर हम सावधानी बरतें तो बड़ी से बड़ी दुर्घटना को टाल सकते हैं। इस कहावत को चरितार्थ  कर दिखाया है जिले की वेक्टर जनित रोग स्वास्थ्य की  टीम ने । हुआ यूँ कि गत वर्ष  2022 में जब टीम सामुदायिक स्तर पर फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अंतर्गत नाइट ब्लड सर्वे करने निकली तो कुल 42 लोगों के खून जाँच करवायी थी। इसके उपरांत सभी की रिपोर्ट में  माइक्रो फाइलेरिया का परजीवी पाया गया। जब ये रिपोर्ट जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ धीरेन्द्र कुमार के पास आयी तो उन्होंने इसके लिए सबसे पहले एक टीम का गठन किया। जिसके लीडर भीडीसीओ गौतम प्रसाद को बनाया गया। गौतम प्रसाद ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए समुदाय को इस संक्रमण से छुटकारा दिलाने की ठान ली। 
भीडीसीओ गौतम प्रसाद  ने बताया कि समुदाय स्तर पर लोगों को इस  बीमारी के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें दवा खिलाना वास्तव में एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। दरअसल सभी ग्रसित लोग एक जगह से न होकर अलग -अलग जगह के थे , पर हम सब ने इस बीड़ा को उठाया एवं माइक्रो फाइलेरिया से ग्रसित सभी लोगों को लगातार 6 महीना दवा खिलाने के साथ टीम के द्वारा लगातार हर पीड़ित के घर जाकर फॉलोअप -उप किया गया। आज सभी लोग इस बीमारी से निजात पाकर अपनी जिंदगी के अधूरे अरमान को पूरा कर रहे हैं। 
 
समय पर दवा खाने से ही मिली माइक्रो फाइलेरिया से निजात :
लखीसराय रजोना चौकी के पन्द्रह वर्षीय अरुण कुमार का कहना है कि कम उम्र में फाइलेरिया जैसी  बीमारी का आभास  होना ही मेरे लिए डरावना था। मैं ये सोचकर परेशान रहने लगा कि आगे मेरी जिन्दगी बहुत बोझिल होने वाली है। अगर इस उम्र में मुझे ये बीमारी हो जाती है तो मैं न ठीक से  पढ़ पाऊंगा और न ही अपने किसी अरमान को पूरा कर पाऊंगा। इसबीच इस सोच को तोड़कर वेक्टर जनित रोग विभाग की टीम ने समय पर दवा खिलाकर  इस बीमारी के बोझ तले जाने से मुझे बचा लिया।
आज मैं हाथीपाँव और ना जाने कौन सी विकृति को झेलना पड़ता उससे बच गया। मैं अपने आसपास एवं दोस्तों से भी कहता रहता हूँ कि जब भी फाइलेरिया की दवा खिलाने का अभियान सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाय तो दवा जरूर खानी चाहिये। ताकि हम सब इस गंभीर बीमारी से सुरक्षित रह सकें। 
 
- इन बातों का रखें ख्याल; 
- भूखे पेट दवा नहीं खिलानी है।
- किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्यकर्मी के सामने दवा खाएं।
- गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलानी है। 
- 02 वर्ष छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलानी है। 
- गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलानी है।
 
 
 
 
 

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

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