- जिले के सभी चयनित साइटों पर चल रहा है सर्वे, लोगों का भी मिल रहा है सहयोग
- 20 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों का लिया जाएगा सैंपल
जमुई-
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में आईडीए कार्यक्रम के तहत 19 दिसंबर से नाइट ब्लड सर्वे (रात्रि रक्तपट्ट संग्रह) अभियान की शुरुआत हो रही है। जिसके तहत जिले के सभी चयनित साइटों पर शिविर आयोजित कर मेडिकल टीम द्वारा प्रत्येक व्यक्ति का सैंपल संग्रहित किया जाएगा । 19 से 22 दिसंबर तक विभाग द्वारा चयनित साइटों पर सैंपलिंग की जाएगी। इस दौरान एक साइट पर कुल 300 लोगों का ब्लड सैम्पल लिया जाएगा । जिसे सार्थक रूप देने के लिए संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर लोगों को सैम्पलिंग कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ताकि शत-प्रतिशत लोगों की सैंपलिंग सुनिश्चित हो और अभियान का सफल संचालन हो सके। इस दौरान लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए कारण, लक्षण, उपचार समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी भी दी जा रही है।
- 20 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों का लिया जा रहा है सैंपल :
सिविल सर्जन डॉ कुमार महेंद्र प्रताप ने बताया, जिले के सभी साइटों पर 19 दिसंबर से नाइट बल्ड सर्वे अभियान चलेगा । जो जिले के चयनित 10 प्रखंड के 22 चयनित साइटों पर आयोजित होगा। इनमें 11 सेंटिनल एवं 11 रैंडम साइट हैं। इसके तहत 20 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों का सैंपल संग्रहित किया जाएगा । इस बीमारी से बचाव के लिए जाँच ही सबसे बेहतर और कारगर उपाय है। इसलिए, मैं सभी लोगों से अपील करता हूँ कि निश्चित रूप से जाँच कराएं। क्योंकि, इस बीमारी का पता लगने में 10 से 15 साल लग जाता है। शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान होने पर समुचित इलाज से बीमारी को मात दी जा सकती है। वहीं, उन्होंने बताया, रात के 08.30 से 12 बजे के बीच इस बीमारी की जाँच करने के लिए सबसे उपयुक्त समय है। दरअसल, इस दौरान कीटाणु सक्रिय होता है। जिसके कारण आसानी के साथ शुरुआती दौर में बीमारी की सही जाँच संभव है। इसी उद्देश्य से नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
फाइलेरिया क्या होता है :
फाइलेरिया को आम भाषा में हाथीपांव रोग कहा जाता है। यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दीर्घकालिक दिव्यांगता की एक बड़ी वजह फाइलेरिया है। यह एक ऐसी घातक बीमारी है जो शरीर को धीरे-धीरे खराब करती। फाइलेरिया एक परजीवी द्वारा होने वाला रोग है जो धागा के समान दिखने वाले 'फाइलेरिओडी' नामक निमेटोड के कारण होता है।
रिपोर्टर
Dr. Rajesh Kumar
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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