- जिला मुख्यालय स्थित श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए सैकड़ों छात्र- छात्राएं
- फाइलेरिया से बचाव के लिए आगामी 10 फरवरी से जिल भर में शुरू होगा सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम
मुंगेर-
पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म से जुड़े फाइलेरिया रोगियों ने छात्र - छात्राओं को फाइलेरिया रोधी दवा सेवन करने के लिए किया जागरूक । मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित श्री कृष्ण सेवन सदन पुस्तकालय में संकट मोचन पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म के लीडर चंदन कुमार और मां चंडिका पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म के सदस्य सुनीता देवी के द्वारा फाइलेरिया बीमारी की पहचान, बचाव के उपाय, बीमारी की देखभाल की जानकारी दी। इसके अलावा आगामी 10 फरवरी से शुरू हो रहे एमडीए राउंड के दौरान सभी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा सेवन करने के लिए जागरूक किया ।
पुस्तकालय आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र - छात्राओं को संबोधित करते हुए संकट मोचन पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म के लीडर चंदन कुमार ने बताया कि फाइलेरिया कि वजह से मेरा सपना अधूरा रह गया, मैं भी आप लोगों कि तरह पढ़ लिखकर सेना में भर्ती होकर देश सेवा करना चाहता था, लेकिन फाइलेरिया की वजह से मैं आज एक दिव्यांग कि जिंदगी जीने को विवश हूं। मैं कभी भी नहीं चाहूंगा कि कोई भी व्यक्ति मेरी तरह फाइलेरिया से ग्रसित होकर एक दिव्यांग की जिंदगी जीने को विवश हो। इसी उद्देश्य के तहत आज आपलोगों के बीच आकर यह अपील करना चाहता हूं कि फाइलेरिया जैसी दिव्यांग बनाने वाली बीमारी से बचने के लिए आप सभी लोग आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले एमडीए राउंड के दौरान न सिर्फ खुद दवा का सेवन करें, बल्कि अपने परिवार से सभी सदस्यों और मित्रों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। आप लोग विद्यार्थी होने के साथ- साथ युवा भी हैं आप लोगों के पूर्ण सहयोग से ही परिवार, समाज, और राष्ट्र को फाइलेरिया मुक्त बनाकर कर स्वस्थ्य भारत कि संकल्पना को साकार किया जा सकता है।
इस अवसर पर श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय के इंचार्ज नीना कुमारी, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार पंकज कुमार प्रणव, फाइलेरिया कार्यालय मुंगेर के सुधांशु कुमार, सीएफएआर के डिविजनल कोऑर्डिनेटर श्याम त्रिपुरारी सहित पुस्तकालय के कई कर्मचारी और सैकड़ों की संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।
फाइलेरिया से बचाव के लिए सभी लोगों को साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना है आवश्यक :
पुस्तकालय में उपस्थित सभी लोगों को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के सभी लोगों को साल में कम से कम एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया कि बीमारी क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है और इस बीमारी का लक्षण मच्छर के काटने के पांच से 10 वर्ष के बाद ही देखने को मिलता है। इससे बचाव के लिए आवश्यक है कि सभी लोग साल में कम से कम एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करें ।ताकि यदि किसी व्यक्ति के शरीर में माइक्रो फाइलेरिया मौजूद हो तो वो शरीर में ही दवा सेवन के प्रभाव से मर जाए। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन के दौरान किसी- किसी व्यक्ति में कुछ ऐडवर्स रिएक्शन हो सकता है जैसे उल्टी, बुखार, सिर दर्द। इससे घबराने कि बिलकुल आवश्यकता नहीं है यह रिएक्शन कुछ समय के बाद खुद ही खत्म हो जाता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह कि यह एडवर्स रिएक्शन उन्हीं लोगों में होता है जिसके शरीर में पहले से माइक्रो फाइलेरिया मौजूद होता है जो दवा खाने के बाद शरीर में ही मर जाता है। इसके लिए आवश्यक है कि व्यक्ति को लगातार पांच वर्षों तक एमडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन करें। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन खाली पेट बिलकुल नहीं करना है। इसके अलावा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, एक सप्ताह के अंदर मां बनने वाली महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को फाइलेरिया कि दवा नहीं खिलाना है।
रिपोर्टर
Aishwarya Sinha
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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