पेशेंट सपोर्ट ग्रुप और पेशेंट प्लेटफार्म से जुड़े फाइलेरिया के मरीज एमडीए अभियान के दौरान लोगों को फाइलेरिया कि दवा खिलाने में कर रहे हैं सहयोग 

 
- स्वास्थ्य विभाग कि सहयोगी संस्था सीफार के सहयोग से जिला के विभिन्न प्रखंडों में बनाया गया है फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप और प्लेटफार्म 
 
- जिला के सभी सात प्रखंड में विगत 10 फरवरी से चल रहा है सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान 
 
खगड़िया-
 
पेशेंट सपोर्ट ग्रुप और पेशेंट प्लेटफार्म से जुड़े फाइलेरिया के मरीज एमडीए अभियान के दौरान लोगों को फाइलेरिया कि दवा खिलाने में सहयोग कर रहे हैं। इस आशय कि जानकारी सोमवार को डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर विजय कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग कि सहयोगी संस्था सीफार के सहयोग से जिला के 3 प्रखंडों खगड़िया सदर, गोगरी और परबत्ता में फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी) बनाया गया है। इसी तरह जिला के अन्य चार प्रखंड अलौली, मानसी, चौथम और बेलदौर प्रखंड में फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म का गठन किया गया है। इस सभी जगहों पर पेशेंट सपोर्ट ग्रुप और प्लेटफार्म से जुड़े फाइलेरिया के मरीजों के द्वारा आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ घर- घर जाकर आम लोगों को फाइलेरिया कि दवा खाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ये फाइलेरिया के मरीज लोगों को यह समझाने कि कोशिश करते हैं कि देखिए समय पर फाइलेरिया कि दवा का सेवन नहीं करने कि वजह से उन्हें अपने निजी जिंदगी में किस तरह से एक दिव्यांग की जीना पर रहा है। उन्हे तो कोई भी व्यक्ति नहीं मिला जो यह बता सके कि साल में कम से कम एक बार एमडीए राउंड के दौरान सभी लोगों को फाइलेरिया कि दवा खाना कितना जरूरी है। पेशेंट सपोर्ट ग्रुप और प्लेटफार्म से जुड़े फाइलेरिया कि रोगियों के द्वारा लोगों को फाइलेरिया कि दवा खाने के लिए प्रेरित करने का बहुत ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। लोग स्वयं अपनी इच्छा से आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सामने न सिर्फ स्वयं दवा का सेवन कर रहे हैं बल्कि अन्य लोगों को फाइलेरिया कि दवा नहीं के लिए जागरूक कर रहे हैं। 
 
जिला भर में अभी हैं कुल 2452 फाइलेरिया के मरीज : 
जिला के वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर (वीडीसीओ) मो. शहनवाज आलम ने बताया कि जिला भर में अभी फाइलेरिया के कुल 2452 मरीज हैं। इनमें से हाथीपांव (लिम्फेडेमा) के कुल 2297 और हाइड्रोसिल के 155 मरीज हैं। उन्होंने बताया कि प्रखंडवार यदि बात किया जाए तो जिला भर में सबसे अधिक गोगरी प्रखंड में कुल 777,  परबत्ता प्रखंड में 541, खगड़िया सदर में 460, अलौली में 223, मानसी में 188, बेलदौर में 116 और सबसे कम चौथम प्रखंड में कुल 144 फाइलेरिया के मरीज है। 
 
फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में कम से कम एक बार एमडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया कि दवा का सेवन करना है जरूरी : 
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया जैसी व्यक्ति को जीवन भर के लिए दिव्यांग बनाने वाली बीमारी से बचने के लिए साल में कम से कम एक बार जब सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम या मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के दौरान दो साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन करना आवश्यक है। इस दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, एक सप्ताह के अंदर मां बनने वाली महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया कि दवा का सेवन नहीं कराना है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया कि दवा उम्र के अनुसार लोगों को खिलाई जाती है। दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी कि एक टैबलेट, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी दो टैबलेट्स और 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी कि तीन टैबलेट्स का सेवन कराया जाता है। इसके साथ ही सभी उम्र के बच्चों और लोगों को डीईसी कि दवा के साथ एक- एक टैबलेट अल्बेंडाजोल कि खिलाई जाती है।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

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