Breaking News
-कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
-बिहार और यूपी के प्रशिक्षुओं ने किया प्रतिभाग
पटना/ 26 सितंबर- “कालाजार उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने काफी हद तक सफलता दर्ज किया है। कालाजार उन्मूलन में बेहतर चिकित्सकीय सेवा के साथ सामुदायिक जागरूकता की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस कड़ी में सीफार का प्रयास सराहनीय है। कालाजार पेटेन्ट नेटवर्क के जरिए कालाजार पर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। जिससे कालाजार रोकथाम के प्रयासों में सहूलियत भी होगी। उक्त बातें सेंटर फॉर एडवोकेसी एन्ड रिसर्च(सीफ़ार) द्वारा फ़ाइलेरिया एवं कालाजार उन्मूलन में संचार सहयोग विषय पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ के दौरान अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ विनय कुमार शर्मा ने कही।
कार्यक्रम का उद्घाटन अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी फाइलेरिया डॉ परमेश्वर प्रसाद, अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार शर्मा, आरएचओ डॉ रवि शंकर सिंह, डब्ल्यूएचओ के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ राजेश पांडेय, फ़ाइलेरिया के राज्य सलाहकार, डॉ. अनुज रावत एवं सीफार के तमाम पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
फाईलेरिया रोकथाम के प्रति जागरूकता बढ़ाना जरूरी:
इस दौरान अपर निदेशक सह फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ परमेश्वर प्रसाद ने कार्यक्रम में उपस्थि तमाम प्रशिक्षुओं को फाइलेरिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फ़ाइलेरिया मरीजों द्वारा गठित पेशेंट नेटवर्क समूह एक सार्थक पहल है। उन्होंने कहा कि फ़ाइलेरिया के मरीजों द्वारा लोगों को फ़ाइलेरिया के बारे में जागरूक किया जा रहा है और यह फ़ाइलेरिया उन्मूलन के प्रयासों में एक बहुआयामी पहल साबित होगी। साथ ही उन्होंने दूरस्थ इलाकों में फाइलेरिया को लेकर काम कर रहे सीफार के प्रतिनिधियों को आने वाली समस्याओं की समाधान हेतु उपाय भी बताए।
इस वर्ष 1651 मरीजों में हुआ है एमएमडीपी किट का वितरण:
प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए आरएचओ डॉ. रवि शंकर सिंह ने कहा कि फ़ाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण उनके फ़ाइलेरिया प्रबंधन में सहायक साबित हो रहा है. इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक राज्य में 1651 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित किया जा चुका है और यह फ़ाइलेरिया मरीजों को अपनी जिंदगी सामान्य तरीके से जीने में सहायक साबित हो रहा है|
कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि जुलाई, 2022 तक राज्य में 106026 मरीज चिन्हित किये गए हैं|वहीँ राज्य में हाइड्रोसिल से ग्रसित मरीजों की संख्या जुलाई, 2022 तक 20722 है|
इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ राजेश पांडेय ने कार्यक्रम में उपस्थित तमाम प्रशिक्षुओं को प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रशिक्षित किया। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रशिक्षुओं को फाइलेरिया मरीजों को चिन्हित करने से लेकर उसके लक्षण और ट्रीटमेंट को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समय राज्य के सभी जिले फ़ाइलेरिया से ग्रसित हैं और प्रदेश की बड़ी आबादी इससे जूझ रही है. इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित प्रशिक्षुओं ने फाइलेरिया से संबंधित कई सवाल किए,जिसका समाधान डॉ. राजेश पांडेय ने दिया।
कार्यक्रम में फ़ाइलेरिया के राज्य सलाहकार, डॉ. अनुज रावत एवं सीफार की तरफ से रंजना द्विवेदी, रणविजय कुमार, राजकुमारी दरियाना, रणजीत कुमार, शुभ्रा त्रिवेदी, डॉ सतीश पाण्डेय, अरुनेंदु झा सहित अन्य लोगों ने प्रतिभाग किया।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Ajay Kumar