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- सिकल सेल बीमारी से बिहार भी आंशिक रूप से प्रभावित
- 2047 तक उन्मूलन का है लक्ष्य
बांका-
भारत के 17 राज्यों में एक साथ वर्चुअल माध्यम से शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेशनल सिकल सेल डिजीज मिशन 2047 की शुरूआत मध्यप्रदेश के साहडोल से करेंगे। जिन राज्यों मे नेशनल सिकल सेल डिजीज मिशन की शुरुआत होगी उसमें बिहार के छह जिले ( बांका ,पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, , सिवान, जमुई व कटिहार) शामिल है। 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में कुल आदिवासी/ जनजातियों की संख्या करीब 13 लाख, 36 हजार पांच सौ 73 है। इस मिशन के अलावा प्रधानमंत्री नेशनल सिकल सेल डिजीज के नेशनल पोर्टल व हेल्थ वर्कर के लिए ट्रेनिंग मटेरियल का भी लोकार्पण करेंगे। ब्लड सेल के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ एनके गुप्ता ने बताया कि सिकल सेल रोग एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है। यह आनुवांशिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति के रक्त कणों के आकार विकृत होकर हसुएं जैसा हो जाता है। यह बीमारी सामान्य रूप से आदिवासी /जनजाति में पाई जाती है। यह रोग हमारी जनजातियों के भविष्य और अस्तित्व के सामने बहुत बड़ा खतरा है। इसलिए इसे रोकने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में, राष्ट्रीय अभियान सिकल सेल एनीमिया एलिमिनेशन मिशन 2047 शुरू करने की घोषणा की गयी। यह योजना देश के 17 राज्यों में चलाया जाएगा। इसमें 13 राज्य में इसके अधिक प्रसार वाले क्षेत्र में आते हैं वहीं बिहार सहित असम, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में इसका आंशिक प्रसार देखा गया है।
2047 है उन्मूलन वर्ष
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनजातीय मंत्रालय और राज्यों के साथ मिलकर अगले 2-3 साल में देश के 17 राज्यों के लगभग 165 जिलों में बस रही 0-40 साल से आयु वाली 7 करोड़ जनसख्ंया को 3 साल में स्क्रीनिंग कर अमृतकाल में 2047 तक सिकल सेल बीमारी को खत्म करने की योजना बनाई है। स्क्रीनिंग के बाद सभी को उनकी स्थानीय भाषा में स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा, जिससे शादी करने वाले लड़का और लड़की को आसानी से पता चल सकेगा कि शादी के बाद होने वाले बच्चों में सिकल सेल से ग्रस्त होने की संभावना कितनी है,ताकि उचित निर्णय लिया जा सके।
इस पूरे कार्यक्रम को चलाने के लिए, जनभागीदारी को सुनिश्चित करने और बड़े पैमाने पर जागरूकता लाने के लिए अलग अलग स्तर पर मॉनिटरिंग मेकेनिज्म बनाया जाएगा। स्क्रीनिंग में बीमार पाए जाने वाले लोगों को नियमित रूप से टेस्टिंग हो, उपचार और दवाई मिले, अन्य रोगों की वैक्सीन लगे, डाइट सपोर्ट मिले और समय - समय पर काउंसिलिंग की सुविधा मिलती रहे, वह भी सुनिश्चित किया जाएगा।
वृहत कार्ययोजना पर किया जा रहा काम
सिकल सेल रोग से पीड़ित व्यक्ति को बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं, जिनमें शरीर में दर्द रहना, कमजोरी रहना और खून की कमी जैसे कारणों से मरीज का पूरा जीवन बीमारी के बीच काटता हैं। सिकल सेल एनिमिया रोग को खत्म करने के लिए दो पहल पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें पहला है - इस रोग की रोकथाम, ताकि आगे नए मरीज पैदा न हो और जो मरीज है उसके उपचार प्रबंधन और अच्छे स्वास्थ्य सुविधा कैसे उपलब्ध हो उसके लिए वृहत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar