बरसात के मौसम में बरतें सावधानी 

-पोषक तत्वों के सेवन से होगा डायरिया से बचाव
-गर्म खाना व गर्म पानी का करें नियमित सेवन, बढ़ेगी प्रतिरोधक  क्षमता
 
लखीसराय-
 
बारिश के इस मौसम में डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। डायरिया के कारण अत्यधिक निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होने से समस्याएँ बढ़ जाती हैं ।  कुशल प्रबंधन के अभाव में यह जानलेवा भी हो जाता है। शिशु मृत्यु दर के कारणों में डायरिया भी एक प्रमुख कारण है। इसके लिए डायरिया  के लक्षणों के प्रति सतर्कता एवं सही समय पर उचित प्रबंधन कर बच्चों को डायरिया जैसे गंभीर रोग से आसानी से सुरक्षित किया जा सकता है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया दस्त में खून आना जैसे लक्षणों  के आधार पर डायरिया की पहचान आसानी से की जा सकती है। ओआरएस एवं जिंक घोल निर्जलीकरण से  बचाव करता है। लगातार दस्त होने से बच्चों में निर्जलीकरण की समस्या बढ़ जाती है। दस्त के कारण पानी के साथ जरूरी एल्क्ट्रोलाइट्स(सोडियम, पोटैशियम,क्लोराइड एवं बाईकार्बोनेट)का तेजी से ह्रास होता है।बच्चों में इसकी कमी को दूर  करने के लिए ओरल रीहाइड्रेशन स्ल्यूशन(ओआरएस) एवं जिंक घोल दिया जाता है। इससे डायरिया के साथ डिहाइड्रेशन से  बचाव भी होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में 24 घंटे के दौरान तीन या उससे अधिक बार पानी जैसा दस्त आना डायरिया है।  यदि तीन या इससे अधिक बार पतले दस्त की जगह सामान्य दस्त हो तो उसे डायरिया नहीं  समझा जाता।
 
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया कि  गर्मी के बाद आने वाला  बरसात का मौसम अपने साथ कई बीमारियों को भी लेकर आता है। उनमें से ही एक बीमारी डायरिया है। डायरिया यानी दस्त लगना।  इस बीमारी की चपेट में बच्चे के साथ बड़े  लोग भी आ जाते हैं। पानी और नमक की कमी के कारण डायरिया की समस्या होती है। यह बीमारी खाद्य पदार्थों से होने वाली एलर्जी या पानी में पाए जाने वाले प्रोटोजोआ वायरस या बैक्टीरिया से होने वाली प्रतिक्रिया से भी हो सकती है। डायरिया के चलते पेट के निचले हिस्से में दर्द,पेट में मरोड़,उल्टी आना,बुखार और शरीर में कमजोरी हो जाती है।
इससे  बचाव के लिए लोगों को ताजा व गर्म खाना एवं स्वच्छ  पानी का सेवन करना चाहिए। साथ ही हमेशा ओआरएस एवं जिंक की  गोली रखें।  .
 
इन लक्षणों से डायरिया की  पहचान करें:-
एक से ज्यादा पतला  दस्त होना,पेट में ऐंठन,जी मिचलाना,पेट में दर्द,हल्का सिरदर्द,चक्कर आना,उल्टी होना।
 
डायरिया से  बचाव के घरेलू उपाय :
 
एक गिलास पानी में दो चम्मच चीनी के साथ एक चम्मच नमक और नींबू का रस मिलाकर पिलाएं ।  तुरंत आराम मिल जाएगा।
 
नारियल पानी:-डायरिया की समस्या में नारियल का पानी बहुत फायदेमंद होता है। नारियल पानी में मौजूद पोषक तत्व शरीर की कमजोरी को भी दूर   करता है।
 
दाल का पानी:-डायरिया के दौरान बच्चों को दाल का पानी,चावल का माढ़,और दही केला खिला सकते हैं।
 
पानी में सौंफ का चूर्ण मिलकर बच्चों को पिलाने से दस्त की समस्या दूर  होती है।
 
अनार के छिलके को सूखाकर अच्छे से पीस लें।इसके बाद इस चूर्ण को शहद में मिलाकर बच्चे को दिन में तीन से चार बार दें।
 
डायरिया में होने वाले डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लें। अगर उलटियां भी हो रही हैं तो एकबार में अधिक पानी पीने के बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पिलाते रहें। इस दौरान बच्चे को आराम और पर्याप्त नींद लेने से भी राहत मिलेगी। मसालेदार खाने से परहेज रखें।

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Swapnil Mhaske

संबंधित पोस्ट