-दूषित पानी एवं संक्रमित खाद्य पदार्थ मियादी बुखार के लिए हैं ज़िम्मेदार
-बच्चों में दस्त की शिकायत एवं बुखार के साथ बड़ों में कब्ज की शिकायत -मियादी बुखार के लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सकीय सलाह लेना है जरूरी
-साफ पानी और पौष्टिक आहार है फायदेमंद
लखीसराय-
बरसात के मौसम की शुरुआत होते ही कई प्रकार के रोगों में बढ़ोतरी हो जाती है। इन महीनों में मियादी बुखार यानि टायफायड के मरीजों की भी संख्या में इजाफ़ा हो जाता है। अन्य बुखारों की अपेक्षा मियादी बुखार अधिक गंभीर रोग की श्रेणी में आता है। सही समय पर बेहतर प्रबंधन के अभाव में इससे जान जाने का भी ख़तरा बढ़ जाता है।
क्या है मियादी बुखार :
मियादी बुखार यानि टायफायड फीवर सालमोनेला टायफ़ी नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह बैक्टीरिया सामान्यता दूषित पानी एवं संक्रमित खाद्य पदार्थों में ही पनपता है । साथ ही यह बैक्टीरिया पानी में लम्बे समय तक जीवित रहने में समर्थ भी होता है । जिसके कारण दूषित पानी या संक्रमित भोजन सेवन करने से व्यक्ति मियादी बुखार से ग्रसित हो जाता है।
जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया कि मियादी बुखार के लिए दूषित पानी एवं संक्रमित आहार का सेवन मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है। साफ़ पानी एवं ताज़ा भोजन सेवन कर से इस रोग से बचा जा सकता है। मियादी बुखार को लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है। नियमित बढने वाले तेज बुखार के साथ दस्त एवं उल्टी , बदन दर्द , कमजोरी, सिर दर्द, पेट दर्द ,भूख न लगना, बच्चों में दस्त की शिकायत एवं बुखार के साथ बड़ों में कब्ज की शिकायत मियादी बुखार के लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे लक्षण दिखाई देने पर मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सकीय सलाह जरूर लेनी चाहिए। इलाज के तौर पर ऐसे मरीजों को एंटीबायोटिक की डोज दी जाती है। मरीज को लगभग 2 हफ़्तों तक यह दवा खानी होती है। मरीज घर पर ही रहकर संतुलित एवं सुपाच्य भोजन के साथ पर्याप्त मात्रा में नारियल का पानी एवं फलों के जूस के सेवन के साथ दवा का सेवन कर सकता है।
बचाव के लिए यह करें--
दूषित पानी एवं संक्रमित या बासी भोजन खाने से बचें
बाहर का खाना खाने से बचें
ठेले पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों एवं पेय पदार्थों का सेवन नहीं करें
फ़ल या सब्जी को हमेशा साफ़ पानी से धोएं
बाहर मिलने वाले बर्फ का इस्तेमाल ना करें
खाना खाने से पहले साबुन से हाथ अच्छी तरह धोएं
नियमित बुखार के साथ उल्टी या दस्त होने पर डॉक्टर से जरूर मिलें
बिना चिकित्सकीय सलाह के बुखार की दवा नहीं खाएं ।
इनका विशेष रखें ध्यान :
जीवाणुओं की वृद्धि तेज हो जाती है। यदि कुक्ड फ़ूड को घंटे से अधिक रूम तापमान में रखा जाता है। . खाद्य पदार्थों को 6 डिग्री सेल्सियस से नीचे या 60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रखने पर जीवणुओं के संक्रमण से खाद्य पदार्थों को सुरक्षित किया जा सकता है। कच्चे फ़ल, मीट, मछली या अन्य कच्चे खाद्य पदार्थों को खाने से दूर रखना चाहिए क्योंकि इनमें जीवाणुओं की संख्या अधिक होती है। खाने के साथ रखने से जीवाणुओं का खाने में संक्रमण फैलने की पूरी संभावना होती है। सभी कच्चे फ़ल ,सब्जी, मीट या मछली को अच्छी तरह साफ़ पानी में धोकर ही इस्तेमाल करना चाहिए।
रिपोर्टर
Aishwarya Sinha
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Aishwarya Sinha