फाइलेरिया उन्मूलन अभियान: कैदियों को खिलायी गई दवा 

 
-लखीसराय मंडल कारा में कैदियों को खिलाई गई फाइलेरिया से बचाव की दवा 
 
- भीडीसीओ के नेतृत्व में गठित स्वास्थ्य टीम द्वारा खिलाई गई अल्बेंडाजोल, आइवरमेक्टीन और डीईसी की दवा 
 
लखीसराय-
 
जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए आईडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान को सफल बनाने के लिए लगातार स्वास्थ्य टीम द्वारा घर-घर जाकर इस बीमारी से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल, आइवरमेक्टीन और डीईसी की दवा खिलाई जा रही है। ताकि एक भी लोग दवाई खाने से वंचित नहीं रहें और अभियान सफल हो सके। इसी कड़ी में सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा के निर्देश पर गुरुवार को लखीसराय मंडल कारा में आईडीए अभियान के तहत  कैदियों को दवाई खिलाई गई। जहाँ भीडीसीओ गौतम प्रसाद के नेतृत्व में गठित स्वास्थ्य टीम द्वारा सबसे पहले काराधीक्षक को दवाई खिलाई गई। इसके बाद स्वास्थ्य टीम द्वारा तय मानकों के अनुसार जेल के कैदियों को दवा खिलायी गयी ।  इस दौरान भीबीडीसीओ गौतम प्रसाद ने कहा, फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा का सेवन बहुत जरूरी है। इसलिए, मैं तमाम कैदियों एवं पूरे जिलेवासियों से अपील करता हूँ कि निश्चित रूप से पूरी तरह निःसंकोच होकर दवा खिलाने वाली टीम के सामने दवा का  सेवन करें। यही इस बीमारी से बचाव के लिए सबसे कारगर और बेहतर कदम होगा। 
 
- घर-घर जाकर दो वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को खिलाई जा रही है दवा : 
 
सिविल सर्जन डॉ .बीपी सिन्हा ने बताया, फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिलाभर में आईडीए अभियान चलाया  रहा है। इस अभियान के  तहत गृह भेंट की तर्ज पर आशा कार्यकर्ता द्वारा  घर-घर जाकर लोगों को खुद के सामने अल्बेंडाजोल, आइवरमेक्टीन एवं डीईसी की दवा खिलाई जा रही है। ताकि एक भी व्यक्ति दवाई खाने से वंचित नहीं रहे और अभियान को सफल बनाया जा  सके।  उन्होंने बताया जेल के शत-प्रतिशत कैदियों को दवाई खिलाना सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य टीम का गठन किया गया है। 
 
- फाइलेरिया क्या है ? 
- फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
- किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाइड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है। 
- किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं। 
 
- इन बातों का रखें ख्याल : 
- भूखे पेट दवा नहीं खिलानी है।
- किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्यकर्मी के सामने दवा खाएं।
- गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलानी है। 
- 02 वर्ष छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलानी है। 
- गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलानी है। 
 
- फाइलेरिया से बचाव के उपाय : 
- सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
- घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
- अल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें। 
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

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