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- जन्मजात रूप से बीमारी के रूप में बच्चों में 9 प्रकार का हो सकता है क्लब फुट
- "हेल्दी स्टेप्स, हेल्दी लाइफ" की थीम पर मनाया जा रहा क्लब फुट जागरुकता माह
मुंगेर-
"हेल्दी स्टेप्स, हेल्दी लाइफ" की थीम पर क्लब फुट जागरुकता माह के रुप में मनाया जा रहा है जून का महीना। इस आशय की जानकारी मुंगेर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके ) के जिला समन्वयक प्रेम रंजन दुबे ने दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त निर्देश के अनुसार क्लब फुट के प्रति जागरूकता और बेहतर प्रबंधन के अंतर्गत क्लब फुट से ग्रसित बच्चों की पहचान, उनका बेहतर इलाज और इसके बाद बच्चों का सही तरीके से फॉलोअप किया जाना है। जून में क्लब फुट के प्रति जागरूकता को लेकर जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक शिविर आयोजित करने सहित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बीच में ही इलाज छोड़ने वाले क्लब फुट से ग्रसित बच्चों का सही तरीके से फॉलोअप किया जा रहा है।
सदर अस्पताल परिसर स्थित डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआईसी ) में अर्ली इंटरवेंटिस्ट सह स्पेशल एजुकेटर के पद पर कार्यरत निशांत कुमार ने बताया कि क्लब फुट बच्चों में होने वाली जन्मजात बीमारी है जिसमें बच्चों का पैर टेढ़ा-मेढा हो जाता है। बच्चों में 9 प्रकार का क्लब फुट हो सकता है। मुंगेर जिले में मई और जून के महीने में क्लब फुट से ग्रसित कुल 11 बच्चों को आइडेंटिफाई कर बेहतर इलाज के लिए तिलकामांझी और आईजीआईएमएस पटना भेजा गया है। वहां बैंडेंज, प्लास्टर या फिर ऑपरेशन के द्वारा क्लब फुट का बेहतर इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि अभी तक सदर प्रखंड के उत्तम कुमार का बेटा आरव कुमार, धर्मेंद्र कुमार की बेटी नंदनी कुमारी, विनोद कांत का बेटा सूरज कुमार का प्री ऑथराइजेशन सर्टिफिकेट बनवाकर बेहतर इलाज के लिए भागलपुर स्थित तिलकामांझी अस्पताल भेजा गया है वहीं सदर प्रखंड के ही धमेंद्र कुमार की बेटी सोनाली कुमारी को ऑथराइजेशन सर्टिफिकेट बनवाकर बेहतर इलाज के लिए पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) भेजा गया है।
रिपोर्टर
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Aishwarya Sinha